Not known Factual Statements About Shodashi

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The murti, which happens to be also noticed by devotees as ‘Maa Kali’ presides about the temple, and stands in its sanctum sanctorum.  In this article, she's worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

When the specific intention or significance of this variation might differ based upon particular or cultural interpretations, it could possibly generally be recognized as an prolonged invocation of the blended Vitality of Lalita Tripurasundari.

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

When Lord Shiva listened to with regards to the demise of his spouse, he couldn’t Management his anger, and he beheaded Sati’s father. Nevertheless, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s daily life and bestowed him using a goat’s head.

सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥

She is definitely the in the form of Tri energy of evolution, grooming and destruction. Complete universe is altering below her energy and destroys in cataclysm and once more get rebirth (Shodashi Mahavidya). By accomplishment of her I got this put and hence adoration of her is the greatest a single.

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः website सदा ।

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।

These gatherings are not merely about particular person spirituality but in addition about reinforcing the communal bonds through shared activities.

Goddess Shodashi is generally known as Lalita and Rajarajeshwari which suggests "the one particular who performs" and "queen of queens" respectively.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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